प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार की एक केंद्रीय योजना है, जो छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 1 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी। इसके तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों (2,000 रुपये प्रत्येक) में सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जाती है।
यह राशि खेती से संबंधित खर्चों जैसे बीज, उर्वरक, और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। नीचे योजना की पात्रता, अपात्रता, और संबंधित प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है।
पात्रता मानदंड
जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई थी, तब यह केवल 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे और सीमांत किसानों तक ही सीमित थी, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है, PM किसान योजना का लाभ अब देश के सभी किसानों को प्रदान किया जाता है, जिनके पास खुद के नाम पर भूमि है।
पात्रता मानदंड की जानकारी निम्नलिखित है:
- किसान परिवार की परिभाषा: योजना के तहत "किसान परिवार" में पति, पत्नी और 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग बच्चे शामिल होते हैं।
- भूमि स्वामित्व:
- शुरू में यह योजना केवल छोटे और सीमांत किसानों (2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि) के लिए थी। लेकिन 2019 में संशोधन के बाद, सभी भूमिधारी किसान (landholding farmers), चाहे उनकी जमीन का आकार कुछ भी हो, पात्र हैं।
- भूमि का स्वामित्व संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के आधिकारिक भूमि रिकॉर्ड (जैसे जमाबंदी, खतौनी, रिकॉर्ड ऑफ राइट्स) में दर्ज होना चाहिए।
- स्वामित्व 1 फरवरी 2019 तक स्थापित होना चाहिए। इसके बाद भूमि स्वामित्व में परिवर्तन (मृत्यु के कारण उत्तराधिकार को छोड़कर) पर विचार नहीं किया जाता।
- संयुक्त स्वामित्व वाली भूमि में, केवल एक लाभार्थी (परिवार का एक सदस्य) लाभ ले सकता है।
- भूमि का उपयोग: योजना का लाभ उन किसान परिवारों को ही मिलेगा जो खेती योग्य भूमि का उपयोग खेती के लिए कर रहे हैं। गैर-खेती योग्य भूमि या गैर-कृषि कार्यों में भूमि का उपयोग करने वाले किसान इसके पात्र नहीं होंगे।
- आय सीमा: किसानों की आय का स्रोत मुख्य रूप से कृषि से होना चाहिए। अगर किसान की आय का मुख्य स्रोत कृषि के अलावा सरकारी सेवा, व्यवसाय या किसी अन्य प्रकार की आय है, तो वह इसके पात्र नहीं होंगे।
- आधार और बैंक खाता:
- आधार कार्ड अनिवार्य है, क्योंकि यह लाभार्थी की पहचान और सत्यापन के लिए उपयोग होता है। हालांकि, कुछ पूर्वोत्तर राज्यों (जैसे असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर) को आधार से अस्थायी छूट दी गई थी, लेकिन अब यह सभी के लिए अनिवार्य है।
- किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए, क्योंकि सहायता राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है।
- यदि आधार उपलब्ध नहीं है, तो वैकल्पिक पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) अस्थायी रूप से स्वीकार किए जा सकते हैं, लेकिन अंततः आधार अनिवार्य है।
- ई-केवाईसी (e-KYC): पात्रता और लाभार्थी सत्यापन के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। यह प्रक्रिया दो तरह से पूरी की जा सकती है:
- ओटीपी-आधारित: आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाता है।
- बायोमेट्रिक-आधारित: नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (CSC) या आधार सेवा केंद्र पर फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग के माध्यम से।
- आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड: पहचान सत्यापन के लिए।
- भूमि स्वामित्व दस्तावेज: जामबंदी, खतौनी, रिकॉर्ड ऑफ राइट्स, या अन्य भूमि रिकॉर्ड।
- बैंक खाता विवरण: आधार से लिंक बैंक पासबुक, IFSC कोड।
- मोबाइल नंबर: ओटीपी और संचार के लिए।
- पासपोर्ट साइज फोटो: आवेदन फॉर्म के लिए।
- नागरिकता प्रमाण: यदि आवश्यक हो, जैसे वोटर आईडी या अन्य पहचान पत्र।
यदि मूल लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार का कोई अन्य पात्र सदस्य (पति/पत्नी या वयस्क बच्चा) लाभ ले सकता है, बशर्ते वह पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो। इसके लिए स्थानीय राजस्व अधिकारी से संपर्क करना होगा।
अपात्रता मानदंड (Exclusion Criteria)
निम्नलिखित श्रेणियों के लोग इस योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं हैं, भले ही उनके पास खेती योग्य भूमि हो:
- संस्थागत भूस्वामी: ट्रस्ट, कॉरपोरेट, सहकारी समितियां, या अन्य संस्थानों के नाम पर दर्ज भूमि इस योजना के तहत पात्र नहीं है।
- उच्च आय वर्ग: वे किसान या उनके परिवार के सदस्य जो पिछले आकलन वर्ष में आयकर (Income Tax) का भुगतान करते हैं।
- यदि परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता है, तो पूरा परिवार अपात्र माना जाता है।
- पेशेवर व्यक्ति: पंजीकृत पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, और आर्किटेक्ट जो अपनी प्रैक्टिस के माध्यम से आय अर्जित करते हैं।
- सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी:
- केंद्र या राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), या स्वायत्त निकायों में सेवारत या सेवानिवृत्त कर्मचारी और अधिकारी (मल्टी-टास्किंग स्टाफ, क्लास IV, ग्रुप D कर्मचारियों को छोड़कर)।
- 10,000 रुपये या उससे अधिक मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले सेवानिवृत्त व्यक्ति (मल्टी-टास्किंग स्टाफ, क्लास IV, ग्रुप D को छोड़कर)।
- संवैधानिक पद धारक: वर्तमान या पूर्व में संवैधानिक पदों पर रहे व्यक्ति, जैसे:
- लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभा, या राज्य विधान परिषद के सदस्य।
- केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री।
- नगर निगम के मेयर, जिला पंचायत के अध्यक्ष, या अन्य स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि।
- अन्य अपात्र श्रेणियां:
- गैर-निवासी भारतीय (NRI) जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आते हैं।
- किरायेदार किसान, बटाईदार, या अतिक्रमणकारी जो भूमि के स्वामी नहीं हैं।
- एक ही परिवार से एक से अधिक सदस्य लाभ नहीं ले सकते। उदाहरण के लिए, पति और पत्नी दोनों एक साथ लाभ नहीं ले सकते।
- वे व्यक्ति जो अन्य समान सरकारी योजनाओं (जैसे राज्य-स्तरीय किसान सहायता योजनाओं) से लाभ ले रहे हैं, उन्हें PM-KISAN का लाभ नहीं मिलेगा, यदि नियमों में टकराव हो।